अमरनाथ यात्रा पूर्ण हुई

अमरनाथ यात्रा हमने पूर्ण कर ली आज भी सपना सा लग रहा है ! सोचा भी नहीं था कभी की ये यात्रा हम कभी कर पायेंगे ! पिछले साल  2016 को जब हम लोगों ने अपने शहर के एक बंदे से पूछे जो हर साल जाते है लगभग 12 साल से जा रहें है , तो उन्होने इतना साही खर्च और यात्रा में  आने वाली कठिनाई बता दी की हम लोगों ने सोचा जाने दो यार कभी ना कर पायेंगे ये यात्रा ! फिर इस साल 2017 में फिर से हमारे दिमाग में अमरनाथ यात्रा का कीडा गुस गया , जब हमारे दिमाग में कोई जूनन  सवार हो जाता है तो फिर हम उसको पूरा करने के लिये मचल उठते है ! ये तो तय कर लिये थे कोई जाये या ना जाये हम अकेले ही चले जायेगें ! हमने फार्म भरते समय अपने ऑफिस की अर्चना गुजरे से पूछे उनकी बहन राखी से तो वो दोनों भी तैयार हो गई पहले हम तीनों ने अपना फार्म भरे फिर ऑफिस के चार पांच लोगो ने भी फार्म भर दिये इस यात्रा के लिये ऐसे करके हम नौ लोगों की टीम तैयार हो गई ,और हां सबका जाने का जम्मू तक का ट्रेन में टिकट भी हो गया मतलब हम लोगों को 16 जुलाई चंदनवाडी से यात्रा करने की तारीख़ मिली थी और हम लोगों को यहाँ से 13 जुलाई को निकलना था पर टिकट हम लोगों ने दो माह पूर्व ही करवा लिये थे ! और जैसे ही 10 जुलाई को हमला हुआ तो नौ में से पांच ही रह गये जाने के लिये ! तो हम पांचों निकल पड़े अपने सपने के सफर में  !
                यात्रा शुरू होती है अब !!

हम लोगों अपने शहर छिंदवाड़ा से 13 जुलाई ट्रेन नें बैठ गये और 14 को दिल्ली पहुँच गये फिर वहाँ से ट्रेन पकड़ कर 15 की सुबह जम्मू पहुँच गये ! दिल्ली हम लोग सुबह आठ बजे पहुँच गये थे वहाँ पर पहुँच कर हमने हितेश शर्मा जी को फोन लगाया और फिर हम सब उनके संघ कार्यालय में जाकर शाम के अगले सफर की तैयारी में जुट गये वहाँ जाकर हम सब फ्रेश हुये अपने साथ लाये हुये खाना खाया थोड़ा आराम किये और फिर शाम की ट्रेन पकड़ने के लिये पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन चले गये हितेश जी को हम Fb के माध्यम से और हमारे घुमक्कड़ी ग्रुप की वजह से जानते है , बहुत ही प्यारा बच्चा है, सहयोगी स्वाभाव वाला !

तो साहेबानों कदरदानों 😁 हम सब पहुँच गये जम्मू सुबह आठ बजे जम्मू में हम सब बेस कैम्प में पहुँच गये वहाँ पर सब यात्रीयों के रुकने की व्यवस्था थी ! बहुत बड़े बड़े हाल थे रुकने के लिये मतलब वहाँ पर आपको सभी मूलभूत सुविधायें थी ! फिर वहाँ से हम सब निकल पड़े रात लगभग 3 बजे रजिस्टर बसों के काफिले के साथ आरमी की पूरी सुरक्षा के साथ पहलगाँव  के लिये क्योंकि हमारी पद यात्रा पहलगाँव के चंदनवाडी से शुरु होने वाली थी ! पहुँचते पहुँचते शाम हो गई थी ! पहलगाँव में हम लोगोंं को रात रुकना था तो जहाँ पर सब यात्री गये टेंट में रुकने के लिये तो हम लोग भी चले गये वहाँ पर जाकर टेंट हम लोग देखने लगे कुछ कॉटेज भी बने थे पर वहाँ के बिस्तर और तकिया इतना गंदे थे की हम लोंग नही रुक सकते थे और ना ही नींद आती !  फिर हम लोगों  पहलगाँव के होटल में रुके जिसका किराया 1500 रुपये था जिसमें हम पांच लोग रुक सकते है होटल शानदार थी और नहाने के लिये गरम पानी भी मिल गया था ! ☺☺ सुबह हम लोगों को 6 बजे पद यात्रा के लिये निकलना था तो हम सब रात को ही बढ़िया नहाकर और जो यात्रा के दौरान कपड़े पहनने थे वही पहन कर सो गये और सुबह उठकर ब्रश करके तैयार होकर निकल गये चंदनवाडी  की और ! पर होटल में रुकने का फैसला हम लोगों का खतरनाक था क्योकि हम लोग ने  अपने आप को सुरक्षा घेरे से बहार कर लिये थे !

जम्मू से चंदनवाडी सफर के दौरान जो नजारे दिखे वो कल्पना से भी परे थे इतने खूबसूर पहाड झरने दूध की  तरह बहती हुई नदियाँ सच में  स्वर्ग की तरह लग रहे थे और हम सब अपनी आंखों को एक पल के लिये भी बंद नहीं करना चाहते थे पर कभी कभी झपकी लग ही जाती थी ! चंदनवाडी से पद यात्रा शुरु करते है आइये आप सब भी हमारे इस यात्रा में शामिल हो जाईये ! लोगों से सुन रखा था की अमरनाथ यात्रा बहुत कठिन होती है सच ही कहा था लोगों ने ! हमने कभी अपनी लाईफ मे पहाड़ नही चढे इसलिए और उत्सुकता थी इस सफर की ! पर हमने तय ही कर रखा था जितना हो सकेगा पैदल ही जायेंगे ! अपने आपको परखने का  भी मौका था ! तो जनाब हम तीन लोग पैदल चल पड़े हम राखी और संजु सफर करते ही बारिश शुरु हो गई मतलब रास्ते में फिसलन और किचड मे चलना पड़ा पिस्सू टॉप सबसे कठिन चढ़ाई है लगभग ढाई km की ,पर सब एक दूसरे का सहारा बनते बनते चढ गये , 12 km की पद यात्रा कर शेषनाग झील पहुँच कर रात रुक गये ! सुबह घोड़े से 20 km की यात्रा कर गुफा पहुँच गये इस 20 km की यात्रा में हम सबने घनघोर बारिश और मौत का सामना करते हुये पहुँचे ! पद यात्रा ही करना चाह रहे थे हम पर हमारे साथ वाले तैयार ना थे पद यात्रा के लिये  ! कुल मिलाकर हम लोगों ने 32 km का सफर दो दिन में तय किया !
रात बाबाजी की गुफा के पास गुजारे  जो 13,000 km की ऊँचाई पर है जहाँ पर ऑक्सीजन बहुत कम रहती है हम सबको रात में सांस लेने मे बहुत तकलीफ हुई और सारी रात हम सब सो भी नही पाये , अगर हो सके तो गुफा के पास ना रुके ! और सुबह 16 km की पद यात्रा कर हम तीनो बालटाल उतर गये !

    ज्यादा वक्त ना लेते हुये आप सबका
कुछ जरुरी बाते आप सबके लिये !!

1- जरुरी चीजें ................
         जूते वॉटर प्रूफ , रैन कोट अच्छी क्वालिटी का जो बारिश मेें अपको अंदर से ना भीगा पाये ! पर्याप्त गर्म कपड़े ,और हां खुद का स्लीपिंग बैग तो जरुर रख ले ! और एक दो जोड़ी कपड़े , रस्सी, पन्नी जो जमीन पर बिछा सके !

2- सफर की शुरुआत .......
               सफर की शुरुआत पहलगाँव से ही करे जो गुफा तक 32 km है , क्योकि इस रास्ते में जो खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे वो वालटाल वाले रास्ते में नही बालटाल का रास्ता तो बेहद ही प्रदूषण से भरा हुआ एवं गंदा है ! इसलिए मास्क जरुर यूज  करे ! 16 km का है ये रास्ता !
3- खाने की चीजें.......
                  वैसे सारे रास्ते खाने पीने की चीजें मिलती रहती है, बहुत सारे भंडारे लगे रहते है , पर काजू किसमीस , बदाम पिस्ता के पैकेट जरुर रख ले जो आपको एनर्जी देता रहेगा सफर के दौरान !

     आखिरी बात वहाँ के लोग पसंद ना आये हमें !!
घोड़े वालो से लेकर टेंट वाले सबके सब एक जैसे ही लगे इंडिया के प्रति नफरत मोदी जी को गाली बकना हमारी सेना के लिये अपमानजनक शब्द कहना पत्थर बाजी को सही ठहरना 😈😈 ! जब हम सब लोग पिस्सू टॉप में चढ़ाई कर रहे थे तो यात्री साथी जय हिन्द भारत माता की जय जय भोले बोलते हुये चढ रहे थे तो वहाँ के दो लड़कों ने बोला पाकिस्तान जिंदाबाद 😈😈😈😈 साले गद्वार कही के ! अगर वो सब वहाँ पर पैसे के बदले आपको सेवा दे रहें है तो बस अपनी रोजी रोटी के लिये लेकिन उनके मन देश के प्रति कोई सेवा भाव नहीं है !और ना हम सबके लिये!  हां घोड़े पर चलने के लिये मोल भाव बहुत होता है !

हमारी सेना काबिले  तारीफ है जिनकी वजह से हम सुरक्षित सफर कर पाते !!
तो आप सब भी आने वाले समय में कर आये दर्शन बाबा जी के !

शेष नाग झील की सुबह 
पहलगाँव और चंदनवाडी के रास्ते की फोटो 
पहलगाँव हमारे होटल के समाने का व्यू 
सेल्फी लेते वक्त कोई भी आ जाता था पीछे वाले तीन भाईयां  लोग हमारे ग्रुप के नहीं है ! 😀
हमारी बसों का काफ़िला 
जम्मू के बेस कैंप की फोटो मैदान में भी सो रहे थे लोग ! 
हितेश भाई और हम सब दिल्ली मैट्रो स्टेशन मे 
डल झील 
श्रीी नगर डल झील की शाम 
थोडी मस्ती करते हुये हम ! 

Comments

  1. खूब मजे करो अकेले अकेले

    ReplyDelete
  2. बढ़िया यात्रा विवरण ! देखे हमे कब बुलाते हैं बाबा बर्फानी

    ReplyDelete
  3. बहुत बढ़िया यात्रा विवरण जी और यात्रा सकुशल पूरी करने पर बहुत बहुत शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  4. यात्रा के बारे में मेरा मानना है कि घुमक्कड़ी किस्मत से मिलती है। खर्च अपनी जगह अलग बात है।
    कश्मीर में सिर्फ वे लोग ढंग से बात करेंगे जिनको आप से लाभ हो रहा होगा, वैसे दक्षिण भारत में भी लगभग ऐसा ही हाल है।
    सैल्फी वाली बात बढिया लगी, अब्दुल्ला लोग जरूर बीच में टपक पडते है।
    दो बार यह यात्रा करने का मौका मिला है,

    ReplyDelete
  5. 3 बार registrartion करवाया और cancel भी करवाया। मुझे पहाड़ो पर चढ़ाई से कोई समस्या नही है। पर cancel करने का कारण उपयुक्त साथी का नही मिलना था।

    आब जब अकेले यात्रा का भी अनुभव है और पहाड़ो पर चढ़ने के भी, तो भोले ने चाहा तो 2018 में यह यात्रा कर ही ली जायेगी।

    ReplyDelete
  6. नीरज जी की कामेंट तो यहाँ पहले से मौजूद हैं।

    ReplyDelete
  7. नीरज जी की कामेंट तो यहाँ पहले से मौजूद हैं।

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

छोड़ो यार......बहाने निकल पडो दुनिया अजमाने 💜💝

देवगढ़ का किला

पातालकोट की आनोखी दुनिया